दिखता हैं गुलाब चेहरा तुम्हारा
हर सवाल का जवाब चेहरा तुम्हारा
करीब मेरे आते हीं, छिपाती हो चेहरा
ओढता हैं शर्म का नकाब चेहरा तुम्हारा
पीता नहीं मैं रोज-रोज पर, क्या करूं ?
पिलाता हैं नैनों से शराब चेहरा तुम्हारा
न रंज कोई, न शिकंज हैं, न झुरियां
अभीं तक नूर-ए-शबाब चेहरा तुम्हारा
मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो
हसीन दिखाता हैं ख्वाब चेहरा तुम्हारा
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