Tuesday, May 28, 2019

गुलाबी लहर... Hindi Kavita... Hindi Poem... हिंदी कविता...


बहती हवा मुझे भीं, जरासी खबर दे दो
इकबार हीं सही वो, गुलाबी लहर दे दो
 

वो तोड कर चले हैं, मेरा दिल भी, सपने भीं
जीना नहीं हैं मुझको, ऐ यारों जहर दे दो
 

वैसे तो ग़म भुलाना, ये मकसद मेरा भीं हैं
ऐ प्याले, ना पिते भी, पिने का असर दे दो
 

आती नहीं ये नींद, मैं जगती हूं रातभर
खुशनुमां लगे जो खुशी का पहर दे दो
 

मैं आस में उन्हीं की, यहां बैठीं हूं चलो
रातों में, दिन में सिर्फ, पिया की नजर दे दो
 
 
 
 
 
 
 
 

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