रहो तुम
मेरे साथ
हमेशा...
लेके हाथों में
हाथ...
हम चलेंगे
इस दुनिया में...
हर बस्तीं में...
मनायेंगे
हम मौज
हर त्योहार में...
हो दिवाली
या फिर होली...
ये हाथ नहीं
छूटेगा कभीं...
ये साथ हमारा
नहीं छूटेगा कभीं...
हो पतझड
या फिर हो सावन...
हम रहेंगे
एक-दूसरे के साथ
सातों जनम...
तुम मेरे हमसफर...
मेरे हमराही...
चाहे हो परबत
चाहे हो खाई...
हम निडर होकर
लढेंगे इस जमाने से...
जब तक हमारी
चल रहीं हैं सांसें...
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