मिलन... हिंदी कविता... Hindi Poem... Hindi Kavita... Love...
हाथों में हो हांथ
हो प्यार भरी रात
हमारे मिलन में
तारों की बारात
तुम मुझे चाहो
मैं तुम्हें चाहूं
मैं जब सोचूं
तब तुम्हें पाऊं
हांथ बढ़ाना तुम
मैं हांथ थामूंगी
प्यार से सादगी से
मैं तुम्हें चुमूंगी
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