आज डाकियाँ उसका खत दे गया
वो खत उसका प्यारा एहसास दे के गया
दर्द न सहा जाने पर चल बसा बाप
सारी संपत्ती बच्चों के नाम करके गया
चांद निले आसमान पर आया जब
बेचारा सूरज चुपचाप ढलने गया
पत्तों की सरसराहट ने खबर दी हैं
कोई अजनबी वहां आके गया
मोहब्बत में दिल दे दिया उसको
जो पैसे भी मेरे ही लेके गया
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