Tuesday, June 4, 2019

मुझको भाँता हैं... Hindi Kavita... Hindi Poem... Favourite... हिंदी कविता...

 
 
साफ-सुथरा शुभ्र सा, लिबास मुझको भाँता हैं
राहे होगी सब सरल, प्रयास मुझको भाँता हैं
 

चांदनी ये रात हैं, रहो ना तुम करीब ही
यूं हमेशा साथ दो, तू पास मुझको भाँता हैं
 

माँ, खुशी का पल मुझे, तू साथ देती जब मेरा
तब लुभावना सा एहसास मुझको भाँता हैं
 

दोस्त वो चला गया, मैं भी हुई अकेली तब
कोई संगी ना ये मन उदास मुझको भाँता हैं
 

ये जो एहसास हैं, तेरा सभीं ही कोनों में
ऐ खुदा रहे तू आसपास मुझको भाँता हैं
 
 

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