तेरे सिवा
मेरा कोई नहीं
मैं अकेली
साथ तेरा नहीं
मैं बिखरू तो
मुझे मनायेगा कौन ?
मेरे जाने के बाद
मेरे लिऐ रोएगा कौन ?
तुझे तो पता नहीं
कहाँ हूं मैं
पर मुझे तो सब
पता हैं तेरे बारें में
तू पर्वत सा अचल
मैं नदी लहराती
जुगनू की रातों में
मौसम जैसे बरसाती
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