Tuesday, October 15, 2019

तेरे दर पे... हिंदी कविता... Hindi poem... Hindi kavita...



मैं तुम्हारे दर पे
आज आयीं हूं...
मेरी आखरी सांस
अब बची हुयी हैं...
अगर तुम नहीं दिखे तो
आखरी सांस भीं नहीं
ले पाऊंगी...
इतना कहकर उसने प्राण
त्याग दिया...
फिर भी उसे रहम नहीं आया...
क्या फायदा ऐसीं
मोहब्बत का जो
मरने के लिए भी
वक्त ना निकाले...

No comments:

Post a Comment