Tuesday, October 8, 2019

खुदसे... हिंदी कविता... Hindi poem... Hindi Kavita...







तुमसे बिछडकर
मैं खुदसे भी
बिछड गयी...

मेरा अब मुझ में
नहीं बचा कुछ भीं...
जो था वो तुम 
लेके चले गये...

पर कभी भीं तुम 
लौट कर नहीं आये...

मैं राह देखतीं हूं...
तुम्हारी आज भी...

तुम्हारी लिए 
मैं यहां खडीं हूं...
आज भी...

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